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National science day 28 february


आज 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' ! (28  फरवरी)

आज के दिन नोबल पुरस्कार विजेता महान भारतीय वैज्ञानिक सर सी वी रमन द्वारा अपनी खोज 'रमन इफेक्ट' की घोषणा की गई थी। समाज को अंधविश्वास और अतार्किक सोच से बचाने और लोगों में वैज्ञानिक दृष्टि के विकास के लिए आज के दिन को विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। कुछ सालों पहले आज के ही दिन सोशल मीडिया पर अंधविश्वास के विरुद्ध एक अभियान शुरू हुआ था - विज्ञान के आने के बाद क्या-क्या हुआ ? आज उस विचार को थोड़े संशोधन और विस्तार के साथ आगे बढ़ा रहा हूं। पढ़कर देखिए, बात में बहुत दम है !

विज्ञान के आने के बाद ईश्वर के अवतारों का पृथ्वी पर आना ही नहीं बंद हुआ, दुनिया में ईश्वर, ख़ुदा या गॉड के संदेश लेकर आने वाले देवदूत, फरिश्ते और एन्जेल्स भी सिरे से गायब हो गए।

ईश्वर और अल्लाह ने धरती पर आसमानी किताबे भेजनी बंद कर दी।

देवताओं के प्रकट होकर वरदान या शाप देने का सिलसिला, दैवी आकाशवाणियों, आकाश से पुष्पवर्षा या पत्थरों की बारिश के मूर्खतापूर्ण अभियान बंद हुए।

असुरों, नागों, पिशाचों, दैत्यों, राक्षसों, भूत-प्रेतों, शैतानों ने अचानक लोगों को सताना बंद कर दिया।

न किसी में सूर्य को निगलने की दिव्यता रही और न चांद के टुकड़े करने की ताक़त।

जो बन्दर, भालू, गिद्ध, सांप-बिच्छू संस्कृत बोलते थे, वे अपनी भाषा भूलकर चीची और चूचू करने लगे।

मंत्र मारने, खीर या फल खाने और धरती पर या लंगोट में देवताओं और ऋषियों के वीर्य गिरने से बच्चे पैदा होने बंद हो गए। यहां तक कि दिमाग, मुंह, नाक, कान, पैर और नाभि से निकलने से भी बच्चों न इंकार कर दिया।

ऋषि-मुनियों के श्राप से इंसान के भस्मीभूत होने, शिला, जानवर या पक्षी बन जाने के खेल ख़त्म हो गए। दान-दक्षिणा से असंतुष्ट, आक्रोशित ब्राह्मणों के शापों से यजमानों की बर्बादी के उदाहरण भी फिर देखने में नहीं आए।

पति की सही-गलत इच्छाओं के आगे समर्पण करने और दूसरे पुरुष की छाया से भी दूर रहने वाली पतिव्रताओं और सतियों की तमाम अलौकिक शक्तियां जाती रहीं
विज्ञान के आने के बाद स्वर्ग और जन्नत में नई-नई अप्सराओं और हूरों का प्रवेश बंद हो गया। किस्सों में जो बची रह गई हैं, उनकी उम्र भी हज़ारों लाखों साल ज़रूर होंगी। अब पोंगा पंडितों, मुल्लों और आतंकियों में ही स्वर्ग या जन्नत का आकर्षण बच गया है और वे उसका मज़ा बढ़ाने के लिए धरती को नर्क बनाने के अभियान में जुटे हुए हैं। जो लोग जन्नत की हक़ीक़त समझ गए हैं वे अब धरती को ही स्वर्ग बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

सभी मित्रों को 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस National Science day' की बधाई ! 28 फरवरी 2020
, बचपन, प्रेम, त्योहार, तकनीक 

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